Friday, 31 July 2020

हर साल खर्च होते हैं करोड़ों रुपये, बिजली कटौती से फिर भी राहत नहीं

बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। जिले में मरम्मत कार्य के नाम पर हर साल पांच से सात करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी शहरवासियों को बिजली कटौती से राहत नहीं मिल रही है। अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से लोगों के पसीने छूट रहे हैं। फाल्ट, ब्रेकडाउन और मरम्मत कार्य के नाम पर शहर के विभिन्न इलाकों में रोजाना चार से पांच घंटे बिजली काटी जा रही है। इससे उमस भरी गर्मी में लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। लोगों का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा मरम्मत कार्य ही ठीक से नहीं कराया जाता है। अगर फीडर और ट्रांसफार्मरों पर अच्छी क्वालिटी के सामान लगाए जाएं तो लोगों को काफी हद तक समस्या से निजात मिल जाएगी। बीते एक सप्ताह से भीषण गर्मी पड़ रही है। शहर का अधिकतम तापमान 36 डिग्री पहुंच गया है। ऐसे में आए दिन फाल्ट, ब्रेक डाउन, ट्रिपिंग, जंपर उडऩे जैसे घटनाओं से होने वाली बिजली कटौती से लोगों का बुरा हाल है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई घंटों तक बिजली गुल रहती है। हर साल सर्दियों में मरम्मत कार्य के नाम पर महाअभियान चलाया जाता है, जिससे कि गर्मियों में लोगों को किसी तरह की शिकायत न हो। इसके बाद भी शहर में अघोषित कटौती हो रही है। निगम की ओर से शहर में बिजली कटौती से लोगों को राहत देने के लिए हर साल करीब 250 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाते हैं, जिससे ट्रांसफॉर्मरों की ओवर लोडिंग को खत्म किया जा सके। इन पर करीब 5 से 7 करोड़ रुपये खर्च होते है। लेकिन फिर भी समस्या वैसी ही है।


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