बल्लभगढ़ की चावला कालोनी पुलिस चौकी को सेनेटाईज करता कर्मचारी। छाया : नितिन बंसल
पुलिस चौकी सील किए जाने की बात को पुलिस प्रशासन ने बताया अफवाह
कोई पुलिस कर्मी नहीं कोरोना संक्रमित, अय दिनों की तरह चल रहा है चौकी में कामकाज
बभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। जिला पुलिस प्रशासन ने बभगढ़ की चावला कालोनी पुलिस चौकी के कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने की अफवाह पर विराम लगाते हुए कहा कि जिस लावारिस हालत में ाूमते हुए व्यक्ति को पुलिस कर्मचारियों ने पकड़ा था, वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है और चौकी के सभी कर्मचारी स्वस्य है और पुलिस चौकी को सील किए जाने की अफवाहों का भी पुलिस ने पूरी तरह से आाारहीन करार दिया है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने यहां जारी प्रेस बयान में बताया कि अफवाह फैलाना जुर्म है और चावला कालोनी को सील किए जाने की बात पूरी तरह से आाारहीन है और चौकी में अय दिनों की भांति कार्य चल रहा है। उहोंने बताया कि 9 अप्रैल को चावला कॉलोनी चौकी एरिया में एक कोलकाता निवासी व्यक्ति लावारिस हालत में घूमता मिला था, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ था। सूचना मिलने पर चावला कॉलोनी पुलिस ने हॉस्पिटल की टीम को सूचना भेजी। मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को डॉक्टर राजेश की टीम के हवाले कर दिया जिसको एंबुलेंस में बीके हॉस्पिटल ले गए। 11 अप्रैल को बीके हॉस्पिटल से चौकी में फोन आया कि उस व्यक्ति की रिर्पोट नेगेटिव है, इसको इसी शेल्टर होम में क्वारंटाईन कर दिया जाए । चावला चौकी की तीन पुलिस कर्मचारी पूरी सुरक्षा इंतजाम करके मास्क लगाकर, लब पहनकर, खुद को सैनिटाइज करके बीके हॉस्पिटल गए और उस व्यक्ति को बीके हॉस्पिटल से ले जाकर शेल्टर होम में क्वारंटाइंन कर दिया गया। कल 12 अप्रैल को शाम के समय बीके हॉस्पिटल से चौकी में फिर फोन आया कि उस व्याक्ति की दोबारा चेक करना है। एहतियात के तौर पर उस व्यक्ति को फिर से हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया और वह डॉक्टरों की टीम की देखरेख में है । चौकी के तीन कर्मचारी जो, 11 अप्रैल को , उस व्यक्ति को बीके हॉस्पिटल से शेल्टर होम छोडऩे गए थे, वो सभी ठीक है किसी तरह के प्रथम दृष्टा कोई लक्षा नहीं है जैसे खांसी, छींकना व बुखार इयादि और चौकी में सुचारू रूप से कार्य चल रहा है, चौकी को सील नहीं किया गया है।
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कैशन : बभगढ़ मार्केट कमेटी के चेयरमैन हुकम सिंह भाटी। छाया : नितिन बंसल
सरकार द्वारा किसानों की फसल को खरीदने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल चालू
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। सरकार द्वारा किसानों की फसलों को डायरेक्ट खरीदने का प्रोसेस दोबारा से चालू कर दिया गया है। किसानों को फसल का रजिस्ट्रेशन करने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा नामक पोर्टल रजिस्टर्ड करवाना है। बल्लबगढ़ मार्केट कमेटी के चेयरमैन हुकुम सिंह भाटी ने बताया की केवल उन्हें किसानों की फसलों को सरकार खरीदेगी जिनका रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल में हो रखा होगा साथ ही साथ उहोंने यह भी बताया कि रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तारीख 19 अप्रैल है और अपना रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द करवा ले । उनने ये भी बताया कि सरसो की खरीद 15 अप्रैल व अनाज की खरीद 20 अप्रैल से शुरू होना संभावित मानी जा रही है साथ ही साथ उहोंने बताया की भारत देश में कोरोना वायरस फैला हुआ है इसके लिए सभी लोगों से अपील है की व भीड़भाड़ वाले इलाकों में ना जाए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें मुंह पर फेस माक्र्स लगाएं जिससे हमें इस महामारी से आज़ादी मिल सकती है।
घरों में बंद हुए लोग, सड़कों पर आए जानवर
बल्लभगढ़, नितिन बंसल (पंजाब केसरी)। कोरोना वायरस से फैल संक्रमण के बाद लागू हुए लाकडाउन ने लोगों को घरों में बंद कर दिया है। वहीं जंगली जानवरी खाने की तलाश में सड़कों पर आ रहे हैं। शहर की सड़कों पर भी अब वन्य जीव को कोई टोकने वाला नहीं हैं। रविवार सुबह अचानक सेक्टर 21 सी के ग्रीन बेल्ट पर नील गाय दिखाई दिया। लोगों ने इसकी फोटो ली। एनजीटी मॉनेटरिंग कमेटी के सदस्य डा. पीकेएमके दास ने बताया कि नील गाय सेक्टर-21 की ग्रीन बेल्ट की तरफ आई। कुछ देर बाद नील गाय फिर से जंगल की तरफ भाग गया। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश मेंं लॉकडाउन की स्थिति है। इस कारा सड़कों पर वाहन न के बराबर है। लॉकडाउन को छोड़ कर सामाय दिनों की बात करेंं तो शहर में काफी शोर रहता है। जिस कारा ये जीव डरे से महसूस करते हैं और जंगलों के अंदर ही विचरा करते हैं। जबकि लॉकडाउन के कारा पूरा शहर शांत है तो ये जंगली जानवर भी यादा विचरा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भोजन व पानी की तलाश में जंगलों से बाहर निकल कर आबादी की तरफ भी आ रहे हैं। हाल ही में अरावली स्थित पाली बाी में एक तेंदुआ अपने शावकों के साथ दिखाई दी थी। इसकी सूचना गांव वालों ने वन विभाग को भी दी थी। अब सेक्टर 21 सी से नीलगाय की तस्वीर आई है। वहीं दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ सब इंस्पेक्टर चरण सिंह ने बताया कि अमूमन जंगली जीव खाना-पानी की तलाश में आबादी की तरफ आ जाते हैं। नीलगाय के साथ भी यही हुआ होगा।
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